
...
"अब परवाह..
ना करना..
जीना सीख..
रही हूँ..
तुम बिन..
यूँ भी..
हर पल..
बोझ हूँ..
तुम्हारे लिए..
हसरत..वक़्त..
ज़ाया करती..
जाने कितने..
फ़ोन करती..
ना होगी..
कोई रुसवाई..
खुदपर अब..
लगाम लगाई..
ना करुँगी..
अब परेशान..
रखना तुम..
अपना ध्यान..!!"
...
--जाने कहाँ से ये हर्फ़ आ गए..