Saturday, September 28, 2013
'तोहफा..'
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"सुनो जानां..
मेरा बर्थडे आने वाला है..तुम्हें याद है न..??? इस बार मैं तोहफा देना चाहती हूँ..इक ऐसा तोहफा जो तुम अपनी रूह में..हर पल खिलता-पनपता पाओगे..सजाओगे जब भी ख़ुद को आईने के सामने..नज़रें मेरी ख़ुद पर ही पाओगे.. छुओगे जब कभी दरिया को..छुअन मेरी ही पाओगे.. सहलाओगे जब कभी सिर..मुझे ही अपनी गोदी में पाओगे.. बाँधोगे कलाई पर जब कभी वो घड़ी..वक़्त मेरा ही पाओगे.. निभाओगे रिश्ते जब कभी..हर शख्स में इक मुझे ही पाओगे..!!!
इंतज़ार करेंगे हम-तुम उस शब का..जब से गिरफ़्त में ख़ुद को कसा पाओगे..!!! जानती हूँ, तुम चाहते हो..मैं भर लूँ तुम्हें बाँहों में और बहते रहें बरसों-से क़ैद अश्क सारे..!!"
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---बर्थडे मंथ बस आने को है..
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रूमानियत..
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
ऐसे तोहफे की तो हर किसी को इंतज़ार रहती है ...
धन्यवाद दिगम्बर नासवा जी..
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