Sunday, May 18, 2014
'अंतर्मन का संग्राहलय..'
...
"आज विश्व संग्राहलय दिवस है..!!
मेरे संग्रह में बसी स्मृतियाँ और अनुभूतियाँ..तुम्हारे स्पर्श से..पोषित करना चाहती हैं..अंतर्मन का संग्राहलय..!!
आओ..सहेज लो..मुझे फिर से..!!"
...
--<3 <3
Labels:
रूमानियत..
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
समर्पण के भाव लिए पंक्तियाँ ...
धन्यवाद दिगंबर नासवा जी..!!!
Post a Comment