Sunday, May 4, 2014
'खनकती कनक..'
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"आज विश्व हास्य दिवस है.. तुम्हारी हँसी से खनकती कनक..और लज्जाता चंद्र..!! याद है न..अलाव की गर्मी का सिलवटों में सरेंडर करना और मेरे रोम-रोम का खिल जाना..!!"
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--संडे को तुम बहुत याद आते हो..<3
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रूमानियत..
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
उम्दा...बहुत बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@मतदानकीजिए
नयी पोस्ट@सुनो न संगेमरमर
धन्यवाद प्रसन्ना बडन चतुर्वेदी जी..!!
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