Tuesday, April 12, 2016
'चलना ही ध्येय हो..'
...
"चलते चल, पथिक..
डगर का अस्तित्व..
तुझसे ही होगा..
बाँधते चल, नाविक..
लहर का सत्त्व..
तुझसे ही होगा..
संवारते चल, चितेरे..
महल का तत्व..
तुझसे ही होगा..
ढालते चल, विद्यार्थी..
पहल का रक्त..
तुझसे ही होगा..!!"
...
--चलना ही ध्येय हो..प्रतिक्षण..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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4/12/2016 01:31:00 PM
6
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प्रेरणादायी सन्देश..
Thursday, April 7, 2016
'अक्षरों के पल्लवन..'
...
"स्मृति-पटल पर..
पोषित अंतर्मन पर..
ओष्ट-धरा पर..
नेत्र-द्वार पर..
अक्षरों के पल्लवन..
स्नेह के प्याले..
गति का मान..
लय का श्रम..
लक्ष्य का भान..
संबंधों के स्वास्थ्य..
माधुर्य से परिपूर्ण रहें..
क्षण-क्षण..
प्रति क्षण..
आभार..मेरे #जां..!!"
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--स्पर्श-चिकित्सा का नया अध्याय..heart emoticon आज स्वास्थ्य-दिवस है..#जां..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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4/07/2016 09:51:00 AM
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रूमानियत..
'इस साल की दुआ..'
#जां
...
"कुछ रिश्तों की नींव..
बिन मिले ही गहरा जाती है..
प्रत्यक्ष की चाह भी..
लोप हो जाती है..
कुछ पल गहरा जाते हैं..
मिलन की आस..
अधूरी..अधपकी..वहशत..
जीने की प्यास..
#जां..
मेरी रूह पे निशां गहरा रहे हैं..
जाने क्यूँ..तुम्हें ही पुकार रहे..
इस साल की दुआ..
अगले मौसम में खिले..
चाहत की दूरी..
होठों से मिले..
तुम लिख भेजना..
मेरा ड्यू लैटर..
पढ़ जिसे पी लूँगी..
जुदाई का चैप्टर..
बिन मिले..
जुदा कैसे हुए..
बिन मिले..
एक कैसे हुए..!!"
...
--दर्द..जाने कैसे-कैसे..
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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4/07/2016 09:45:00 AM
0
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रूमानियत..