Sunday, October 2, 2016
'क्रीमी अफेयर..'
...
"हाये..
उसकी पहली छुअन से..
मैं भीतर तक घुल गयी..
मिठास थी कुछ ऐसी..
मैं मचलती गयी..
कसमसा मिले जो लब..
कितने प्रवाह ढलती गयी..
हॉट स्टीमी जिस्म..
औ' वो स्याह रात..
एक्ज़ोटिक छाँव में उसकी..
कितने सिफ़र पलती गयी..
शामो-सहर..
इस क्रीमी अफेयर..
कितने दिल मलती गयी..
आह्ह..मेरी कॉफ़ी का..
सबसे अडोरेबल प्याला..!!"
...
--पल मस्ती वाले..
Labels:
हल्का-फुल्का..
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
बहुत खूब ... इस क्रीमी काफी का अपना अलग ही मजा है ...
सादर धन्यवाद Digamber Naswa जी..देरी के लिए क्षमाप्रार्थी..
Post a Comment