Sunday, April 2, 2017

'मैत्री की गोष्ठी..'






#प्रेमराग

...

"तेरी-मेरी द्विपक्षीय वार्ता की महत्वपूर्ण नीति..

विकल्प चुन सकूँ..
ऐसी असाधारण कूटनीति कहाँ से लाऊँ..

संबंध प्रगाढ़ कर सकूँ..
ऐसी ज़मीनी गूढ़ता कहाँ से लाऊँ..

प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष समझौता..
ऐसी गरमजोशी कहाँ से लाऊँ..

मुद्दे ज्ञापित कर सकूँ..
ऐसा प्रचारक कहाँ से लाऊँ..

वैचारिक मतभेद में भी कड़ी निजता..
अंततः दस्तावेज पर अंकित..
तुम्हारे-मेरे हस्ताक्षर..!!"

...

--मैत्री की गोष्ठी और समय का आँकड़ा..

3 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

दिगम्बर नासवा said...

वाह क्या बात है ... कितना कुछ बयान करते शब्द ... क्या क्या कह गए ...

priyankaabhilaashi said...

सादर आभार..मयंक साब..

priyankaabhilaashi said...

सादर धन्यवाद Digamber Naswa जी..देरी के लिए क्षमाप्रार्थी..