Tuesday, August 17, 2010

'जुबां..'





दुनिया के उन चंद लोगों को समर्पित..जो दूसरों की खुशियों में ख़ुशी का एहसास नहीं कर पाते..!!!

...

"खरा-खरा बोलते नहीं थकती..
जिनकी जुबां..
पाकर नया मिसरा कोई..
फिर..
चहकने लगती है जुबां..!!"

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