Monday, November 29, 2010

'फूल हूँ..'


...


"कभी मुझसे मिलने की ख्वाइश रखता है..
कभी मुझसे बिछड़ने की उम्मीद रखता है..

फूल हूँ..शूल नहीं..दामन मुझसे बचाओगे कैसे..!!"


...

11 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय भास्‍कर said...

बहुत बढ़िया,
बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....

Mohinder56 said...

गुलशन की फ़कत फ़ूलों से नहीं कांटों से भी जीनत होती है
जीने के लिये इस दुनिया में गम की भी जरूरत होती है

सदा said...

सुन्‍दर शब्‍द ।

Unknown said...

waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaah

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद मोहिंदर कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सदा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद अलबेला खत्री जी..!!

Anonymous said...

वाह...बहुत सुन्दर....



मुट्ठी भर आसमान...

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद शेखर सुमन जी..!!

Omi said...

bahut khoob.... no doubt u r like a flower...

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद ओमी दादा.!!