Saturday, December 11, 2010

'नक़ाबी खंज़र..'



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"जो कहूँ तुझसे रंजिश नहीं..बगावत होगी..
बस्ती-ए-रूह..फरेबियों की वकालत होगी..

तमाशा खूब करते हैं..नक़ाबी खंज़र..!!"


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4 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

संजय भास्‍कर said...

रौंगटे खडे कर दिये…

संजय भास्‍कर said...

......गजब कि पंक्तियाँ हैं ...

Shekhar Suman said...

wakayi...gazab ki pankti hai...

Omi said...

choice of words is very good... ranjish, baghawat, farebi, khanzar