Tuesday, February 8, 2011
'एक अमूल्य भेंट..'
एक अमूल्य भेंट..अपने पिताश्री के लिये..!!!
...
"आपके साये से...
मिलता है..
नया उत्साह..
डगमगाते हैं कदम..
जब कभी..
मिलता है..
नया आसरा..
जीवन की कठिनाईयाँ..
करती हैं जब विचलित..
मिलता है..
अदम्य साहस..
पथरीली राहें उगलतीं हैं..
शूल ज़हरीले..
मिलता है..
अदृश्य सहयोग..
निर्मित हुआ..
आपकी वाणी से..
ओजस्वी योद्धा..
मिलता है..
यश..
चहुँ ओर..
नमन है..
पिताश्री..
आपके आर्शीवचन से..
मिलता है..
जीवन का तमगा..!!!"
...
5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
आपकी कृतज्ञता को प्रणाम करता हूँ!
बसन्तपञ्चमी की शुभकामनाएँ!
वसंत पंचमी की ढेरो शुभकामनाए
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
धन्यवाद मयंक साहब..!!
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
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