Wednesday, April 20, 2011

'अदा..'



...


"ज़ख्मों को लुभाती..
ज़िन्दगी तेरी हर अदा..
बेवफा हो तुम..
या..
मैं ग़मज़दा..!!"

...

5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Yashwant R. B. Mathur said...

क्या बात है...
आपका लिखने का अंदाज़ बहुत जुदा है.

वाणी गीत said...

जुदा सी है ये अदा भी :)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद वाणी गीत जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!