दर्द ही दर्द है आपकी पंक्तियों में....
बस तेरा ही आसरा है मौला.बनाये जा ,बिगाड़े जाबिगाड़े जा,बनाए जा कि हम तेरे चिराग हैं जलाए जा,बुझाए जा.सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार,मेरे ब्लॉग पर आप आयीं इसके लिए भी आभार.
धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!
धन्यवाद राकेश कुमार जी..!!
रेजा रेजा रूह... कमाल के शब्द चुन के लाये है.... अच्छी लगी रचना....
धन्यवाद वन्दना महतो जी..!!
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6 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
दर्द ही दर्द है आपकी पंक्तियों में....
बस तेरा ही आसरा है मौला.
बनाये जा ,बिगाड़े जा
बिगाड़े जा,बनाए जा
कि हम तेरे चिराग हैं
जलाए जा,बुझाए जा.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार,
मेरे ब्लॉग पर आप आयीं इसके लिए भी आभार.
धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!
धन्यवाद राकेश कुमार जी..!!
रेजा रेजा रूह... कमाल के शब्द चुन के लाये है.... अच्छी लगी रचना....
धन्यवाद वन्दना महतो जी..!!
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