Wednesday, March 21, 2012

'कुछ कोमल भाव..'

प्रिय दी..

आपको समर्पित..मेरे कठोर ह्रदय में पनपे कुछ कोमल भाव.. आपने इस निष्ठुर तुच्छ अज्ञानी को जो मान-सम्मान दिया उसके लिये जीवन-पर्यंत कृतज्ञ रहूँगी..



...


"धीमे-धीमे उतरती..
हर अक्षर के संग..
मधुर वाणी..
सरल ह्रदय संगम..
जिस क्षण विचरती..
दुर्गम पर्वत दबंग..
अद्भुत अदम्य साहसी..
परिभाषित अंग-अंग..
सुमन तरु दिवाकर..
विरले फैलाते रंग..
अमिट चित्रपटल मेरा..
सुंदर सुशोभित ढंग..
बन असीम कृपा..
पधारे लिये नवरंग..!!!"


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3 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर समर्पण है आपका....

आपकी दी और आपको शुभकामनाएँ.

Pallavi saxena said...

बहुत ही सुंदर शब्दों में बहुत ही सुंदर भाव संयोजन किया है आपने बधाई.... समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है।
http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/

Nidhi said...

सुन्दर शब्द संयोजन ...