Thursday, July 5, 2012

'टुकड़े..'




...


"बीत जाता है..
सब कुछ..
समय के साथ..
शेष रहते हैं..
टुकड़े अनगिनत..
वियोग से सरोबार..!!"

...

5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Amrita Tanmay said...

सुन्दर!

संजय भास्‍कर said...

गजब कि पंक्तियाँ हैं ...!!!

संजय भास्‍कर said...

आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद अमृता तन्मय जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!