Monday, December 31, 2012
'आज़ाद..'
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"कर दिया आज़ाद..अपनी जालिम रिवायत से..
रहना खुश..कद्रदानों की इबादत से..
सफ़र करती हूँ..भूला देना साया भी मेरा..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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12/31/2012 10:32:00 AM
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बेज़ुबां ज़ख्म..
'उठ नादां..'
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"पहचां मुश्किल..
मुलाकात मुश्किल..
वहशत अपनी..
दुनिया ग़ैर..
भूला सबको..
पा ख़ुदको..
उठ नादां..
भर ताकत..
तुझसे बेहतर..
कोई नहीं..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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12/31/2012 06:01:00 AM
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प्रेरणादायी सन्देश..
Sunday, December 30, 2012
'जवाब..'
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"क्यूँ ढूँढें जवाब दुनिया में..
छिपा हो ख़ुदा जब ख़ुद में..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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12/30/2012 11:09:00 AM
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प्रेरणादायी सन्देश..
'दश्त..'
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"नुमाईश करते नहीं फ़न की..ए-वाईज़..
सुना है..बिकता वज़ूद हर दश्त यहाँ..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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12/30/2012 10:33:00 AM
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बस यूँ ही..
Saturday, December 29, 2012
'हिसाब..'
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"काश..
बाँट सकती वजूद..
मिटी हूँ इस कदर..
जिस्म माँगे हिसाब..
हर नफ्ज़..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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12/29/2012 09:40:00 AM
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बेज़ुबां ज़ख्म..
Tuesday, December 25, 2012
'आफ़ताब..'
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"आयेगा ज़मीन पे चाँद..
खिलेगा आफ़ताब सारी रात..
आँगन खिला है..टेसुओं से..!!"
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priyankaabhilaashi
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12/25/2012 09:15:00 AM
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त्रिवेणी..
'कील-ए-वज़ूद..'
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"जा..
लौट जा..
साहिब मेरे..
कमजोर इतना नहीं..
रूह बेच दूँ..
बेगैरत इतना नहीं..
ज़मीर टांग दूँ..
कील-ए-वज़ूद पे तेरी..!!!"
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priyankaabhilaashi
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12/25/2012 09:06:00 AM
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Monday, December 24, 2012
'वक़्त..'
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"बेबस नहीं..
बुज़दिल हूँ..
कहता नहीं..
सहता हूँ..
हर नफ्ज़..
मरता हूँ..
उठो..
चलो..
वक़्त बदलेगा..
खौफ़ मिटेगा..
इबादत तेरी..
हिम्मत तेरी..
रंग लाएगी..!!!"
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priyankaabhilaashi
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12/24/2012 06:53:00 AM
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ज़मीनी हकीक़त..
Sunday, December 23, 2012
'आला-दर्जे के बुतखाने..'
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"छोड़ देते हैं लूट..रूह की रूमानियत..
बिखेर देते हैं दहशत के अंगारे..
जला देते हैं आबरू की आंच..
दफ़ना देते हैं वजूद के रेशे..
चूस लेते हैं..इज्ज़त की रोटी..
निगल लेते हैं..इबादत की चादर..
पीस लेते हैं..सुकूं का गेँहू..
खा लेते हैं..बेखौफ़ी के पकौड़े..
कुछ इज्ज़तदार जवाबदार ठेकेदार..
तम्बू लगाये बैठें हैं..आला-दर्जे के बुतखाने में..!!"
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priyankaabhilaashi
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12/23/2012 10:31:00 AM
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ज़मीनी हकीक़त..
Thursday, December 20, 2012
'असंवेदनशील..'
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"कितने असंवेदनशील सम्बन्ध हो रहे..
अपने घर में अपने लूट रहे..!!"
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priyankaabhilaashi
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12/20/2012 05:41:00 AM
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ज़मीनी हकीक़त..
Tuesday, December 18, 2012
'सबब..'
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"कच्चा-पक्का सवाल मेरा..
पक्का-सा जवाब तेरा..
कहाँ हासिल सबब अब कोई..!!!"
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priyankaabhilaashi
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12/18/2012 07:22:00 AM
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त्रिवेणी..
Wednesday, December 12, 2012
'अशआर..'
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"हीरा..पन्ना..माणक..
अज़ीज़ बेशुमार..
ना भूला सका..
ना सुलगे अशआर..!!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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12/12/2012 08:06:00 AM
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दास्तान-ए-दिल..
Tuesday, December 11, 2012
'मन-आँगन..'
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"सजीव चित्रण असंभव..
मूरत अमूर्त मन-आँगन..!!"
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Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
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12/11/2012 12:51:00 PM
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ज़िन्दगी..