Saturday, February 22, 2014
'मधुर ताल..'
...
"जीवन की राह पर चलना होगा..
संकट आयें गहरे..सधना होगा..१..
दुःख न करना..ए-पथिक..
उजास ह्रदय में भरना होगा..२..
वरदान संभव..मज़बूत इरादे..
अध्याय तिमिर का हरना होगा..३..
संघर्ष बजाये बांसुरी-राग ऊँची..
मधुर ताल अंतस बसना होगा..४..
समाधि-वरण विरक्त ध्येय..
सरल-तरल नैय्या तरना होगा..५..!!"
...
Labels:
प्रेरणादायी सन्देश..
15 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
सुंदर ...प्रेरणादायी भाव
सादर आभार डॉक्टर साहिबा..!!
बहुत सुंदर ... प्रेरणादायक।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (23-02-2014) को " विदा कितने सांसद होंगे असल में" (चर्चा मंच-1532) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सादर धन्यवाद पारुल जी..!!
सादर आभार मयंक साब..!!
बहुत सुन्दर
new post शिशु
New post: किस्मत कहे या ........
प्रेरक पंक्तियाँ
बहुत सुन्दर भाव
धन्यवाद कालीपद प्रसाद जी..!!
धन्यवाद ओंकार जी..!!
धन्यवाद स्वाति वल्लभ राज जी..!!
बहुत सुंदर रचना.
सुंदर और प्रेरणादायक... निरंतर आगे बढ़ना ही जीवन है, बीज को भी वृक्ष बनने के लिए लम्बी यात्रा करनी पड़ती है. सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने वाली रचना के लिए बधाई और प्रतिक्रिया के लिए आभार...
धन्यवाद हिमकर श्याम जी..!!
Post a Comment