Monday, February 10, 2014
'फ़रियाद..'
...
"दिल धड़कता नहीं..साँस आती नहीं..
क्या किसी को हमारी याद आती नहीं..
बिछड़े जो हमसफ़र..बहुत करीब से..
आसूँ को करनी फ़रियाद आती नहीं..
महफ़िल सजती होगीं हर शब..
कीमत उसको मेरी..लगानी आती नहीं..!!"
...
--बेज़ुबां वक़्त..
Labels:
बेज़ुबां ज़ख्म..
8 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
क्या खूब लिखा है...वाह
धन्यवाद महोदया..!!
भावो का सुन्दर समायोजन......
धन्यवाद राजेंद्र कुमार जी..!!
धन्यवाद सुषमा 'आहुति' जी..!!
उत्कृष्ट प्रस्तुति
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
Post a Comment