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"स्नेह की गाढ़ी चाशनी में पका..
मतभेद की सिगड़ी पर..
अपनत्व की मरहम..
और प्रेम की बौछार..
विश्वास का अनंत सागर..
आकाशगंगा-सा घनत्व..
सूत-सा आरामदायी..
फौलाद-सा निष्ठावान..
तुम्हारी मित्रता का..
ये लाल धागा..
मेरी कलाई को संवारता रहेगा..
हर उत्सव में..!!"
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--मेरे घनिष्ठ मित्र..तुम मेरे जीवन का अभिन्न अंग हो.. <3 <3
4 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
मित्रता जीवन का एक अमूल्य रिश्ता है
सुन्दर रचना
धन्यवाद शेफाली जी..!!
बहुत ही सुन्दर रचना
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
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