सचमुच माँ दुनिया में होती ही है सबसे निराली... उसकी उपमा कहाँ ... बहुत सुन्दर रचना...
आपने अपने मन के साथ-साथ सबके मन की बात इस कविता में कह दी.अति-सुंदर.
Bahut sunder kriti...
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
धन्यवाद पारुल जी..!!
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सचमुच माँ दुनिया में होती ही है सबसे निराली... उसकी उपमा कहाँ ... बहुत सुन्दर रचना...
आपने अपने मन के साथ-साथ सबके मन की बात इस कविता में कह दी.अति-सुंदर.
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धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
धन्यवाद पारुल जी..!!
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