Friday, July 31, 2015
'रंग बारिश के..'
...
"कुछ शौक़ बड़े ज़ालिम होते हैं..
जैसे.. #जां से बेपनाह बेंतिहां मोहब्बत..
जैसे..तपती रूह में विरह की आग तापना..
जैसे..हारी हुई बाज़ी के लिए..ख़ुद का दाँव लगाना..
जैसे..बारिश में यादों को हवा लगाना..
जैसे..रजनीगंधा-फूलों से महकता FB-गलियारा..
जैसे..प्रस्फुटित प्रेम और अविरल विलाप..
जैसे..वहशत का जाम और शा'यरा बदनाम..!!"
...
--रंग बारिश के..शूल से सॉफ्ट एंड सटल..
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रूमानियत..
11 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-08-2015) को "आशाएँ विश्वास जगाती" {चर्चा अंक-2055} पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-08-2015) को "आशाएँ विश्वास जगाती" {चर्चा अंक-2055} पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
उफ्फ्फ्फ़
भावपूर्ण
भावपूर्ण
भावपूर्ण
भावपूर्ण प्रस्तुति...
हार्दिक आभार..मयंक साब..!!
रेखा जी..:)
हार्दिक धन्यवाद.. ई. प्रदीप कुमार साहनी जी..!!
हार्दिक धन्यवाद..रीना मौर्या जी..!!
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