Tuesday, August 3, 2021

'पाठ जीवन के..'

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"अब कोई साथ रहे ना रहे.. कोई आरज़ू नहीं, कोई फिक्र नहीं, कोई फर्क नहीं... आएँ, जाएँ, रुकें, बैठें ....उनकी मर्ज़ी..!!"

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--#कुछ पाठ जीवन के, यूँ भी सीखे जाते हैं..

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