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...
"तुम भी ना..
लकीरें हिला गए..
जिस्म सुलगता गया..
तस्सल्ली खिला गए..
आशियाँ लुटता गया..
जाम पिला गए..
साँसें बिफरती रहीं..
दूरियाँ मिटा गए..
आसमान रोता रहा..
स्याही मिला गए..
आज फिर..
शब ढूँढती रही..
अरमां लिटा गए..!"
...
3 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
बढ़िया है..
बहुत-बहुत धन्यवाद..!!
PRIYANKA JEE you are TOO GOOD
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