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"चाहत के रंग बिखेरते जाते हो..
ख़्वाबों में फ़क़त आते-जाते हो..१
महबूब हैं..पढ़ लिया हाल-ए-दिल..
हर नफ्ज़ रूह में पनपते जाते हो..२
जज्बातों को रौशन कर देगा साया..
जुल्फों से पलकें झपकाए जाते हो..३
वजूद समेट..खुद को भूलाये बैठे हैं..
खबर नजाकत से..लिखते जाते हो..४..!"
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