Friday, June 11, 2010

'खरीद-फ़रोख्त..'


...

"दाम लगा ना पाया माज़ी..
मेरी मोहब्बत का..
खरीद-फ़रोख्त..
बंद है रूह की अब..!!"

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5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

दिलीप said...

waah lajawaab...thoda sa sudhaar anytha na lijiyega...farokht kar dijiye....

संजय भास्‍कर said...

वाह ! कितनी सुन्दर पंक्तियाँ हैं ... मन मोह लिया इस चित्र ने तो !

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिलीप जी..!!



इस त्रुटी के लिए क्षमा चाहते हैं..!! आपके कहे अनुसार संशोधन कर दिया है..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद माधव जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!