Wednesday, October 20, 2010
'समर्पित है जीवन..'
हमारे परम-प्रिय मित्र को समर्पित, जिन्होंने हमारे जीवन को एक नयी दिशा..पहचान दी है..!!
...
"सुरभित है जीवन तुमसे..
सुरम्य है जीवन तुमसे..
सम्पूर्ण है जीवन तुमसे..
सुशोभित है जीवन तुमसे..
सलंग है मिठास तुमसे..
सदैव है मिठास तुमसे..
सुकोमल है मिठास तुमसे..
शीतल है मिठास तुमसे..
सुवर्ण है वाणी तुमसे..
सुसंस्कृत है वाणी तुमसे..
सभ्य है वाणी तुमसे..
संवरीं है वाणी तुमसे..
सानिध्य मिला है तुमसे..
संबल मिला है तुमसे..
संसार मिला है तुमसे..
सार मिला है तुमसे..
समर्पित है..
सादगी में समायी..
सु-संगती की..
सारी श्रृंखला..!!"
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Labels:
हम-ज़लीस/परम-प्रिय मित्र..
4 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
bahut sundar prastuti.........shabda sanyojan atyant sundar..likhte rahiye
धन्यवाद एना जी..!!
Boht khOOb..!! sabhi post Uttam..!!
धन्यवाद sannya जी..!!
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