Wednesday, November 10, 2010

'रूह में हरारत..'


...


"निस्बत है मेरे दरख्त में..
आँसू हैं मेरी क़ैद में..
रुस्वां हुआ जिस दम..
रूह में हरारत..
साँसों में खलबली होगी..!!"


...

5 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Sunil Kumar said...

शेर बहुत खुबसूरत बधाई

संजय भास्‍कर said...

उत्तम

M VERMA said...

बहुत खूबसूरत ...

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद सुनील कुमार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद वर्मा जी..!!