Sunday, January 22, 2012

'गुरूर मेरा..'

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"तिल-तिल मर चुका..
ज़मीर मेरा..
रेज़ा-रेज़ा बिक चुका..
आशियाना मेरा..
कब तलक..
झूठा ताज़ दमकायेगा ..
गुरूर मेरा..!!!


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Sunday, January 15, 2012

'वजूद..'





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"कुछ ख्याल..
कुछ रंग..
बदलते हैं वजूद..
कुछ रिश्तों के..
कुछ अश्कों के..
रंग नहीं होते..!!"

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Thursday, January 12, 2012

'अरमान-ए-रूह..'




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"आबरू-ए-चाहत..
सुन ज़रा..
ना चलाना कश्ती-ए-मोहब्बत..
हर मोड़ वसूलेंगे..
अरमान-ए-रूह..
अहल-ए-दुनिया..!!"

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Saturday, January 7, 2012

'शुक्रिया..'



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"किस तरह शुक्रिया अता करूँ..

जिस नफ्ज़ गहरा रहे थे..
उदासी के बादल..
तुमने थामा था..

जिस दम टूट रहे थे..
साहिल के काजल..
तुमने थामा था..

जिस लम्हा फ़ना हो रहे थे..
नज़्म के आँचल..
तुमने थामा था..

आज जब जा रहा हूँ..
परदेस..
और..
लौटना ना मुमकिन..
अब भी थामोगे ना..
हर घड़ी..!!!"

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Friday, January 6, 2012

'चाँद..'



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"ऊँगलियों के पोरों पर छाले पड़ गये..
जिद थी..
चाँद की तनहा परत..
मैं ही बाँटू..!!!


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Thursday, January 5, 2012

'मेहँदी की सुगँध..'





एक मित्र की लेखनी से प्रेरित हो..यूँ ही अक्षर पंक्तियों का रूप धारण कर चले..!! सादर आभार..!!!

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"जब कभी छिटक कर..
उड़ेल देती हो..
आँगन में..
मेहँदी की सुगँध..
खिल जाते हैं..
अंतर्मन में छिपे..
प्रेम के बीज कई..!!!"

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