Saturday, January 7, 2012

'शुक्रिया..'



...


"किस तरह शुक्रिया अता करूँ..

जिस नफ्ज़ गहरा रहे थे..
उदासी के बादल..
तुमने थामा था..

जिस दम टूट रहे थे..
साहिल के काजल..
तुमने थामा था..

जिस लम्हा फ़ना हो रहे थे..
नज़्म के आँचल..
तुमने थामा था..

आज जब जा रहा हूँ..
परदेस..
और..
लौटना ना मुमकिन..
अब भी थामोगे ना..
हर घड़ी..!!!"

...

23 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Anonymous said...

really loved this one
last 4 lines were superb

Prakash Jain said...

Badhiya....

www.poeticprakash.com

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही बढ़िया।


सादर

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 09/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

संजय भास्‍कर said...

..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत ...

मेरा मन पंछी सा said...

बहूत हि प्यारी और सुंदर रचना hai...

Jeevan Pushp said...

सुन्दर भावपूर्ण रचना !
बधाई !

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) said...

बेहतरीन............

vidya said...

बहुत बहुत बढ़िया...

कविता रावत said...

bahut badiya..
navvarsh kee haardik shubhkamnanyen!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद aisha जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद चिराग जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद प्रकाश जैन जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

सादर आभार..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद रीना मौर्या जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद कैलाश शर्मा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद मनीष सिंह निराला जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद अरुण कुमार निगम जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद विद्या जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धनयवाद कविता रावत जी..!!

Nidhi said...

जो अपना है..यकीनन थामेगा .
काजल के साहिल ..समझ नहीं आया .