Wednesday, April 25, 2012
'सल्तनत-ए-वफ़ा..'
...
"चलो जां..
आज बदल लेते हैं..
अपनी रूह..
तुम मेरी रख लेना..
और मैं तुम्हारी..
फ़क़त..
तुम यूँ भी मेरे अपने हो..
सल्तनत-ए-वफ़ा एक्सचेंज ऑफर..
उधेड़ता है..
कशमकश के बादल..!!!"
...
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दास्तान-ए-दिल..
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