Thursday, October 4, 2012

'बेजान रातें..'





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"ये चाहत से तरबतर यादें..
बन जुगनू..
झिलमिलाती रहीं..
मेरी बेजान रातें..!!"

...

1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Nidhi said...

हम्म...यदों के जुगनू.....बढ़िया है.
रोशन रहें रातें यूँ ही .