Saturday, November 24, 2012

'ह्रदय-कोशिका..'





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"ह्रदय-कोशिका नसों से जीवन संचारित करती रहीं, लक्ष्य को भेदती रहीं, उपजाऊ धरती पर खिलखिलाती रहीं..
आत्म-शोध अपूर्ण रहा..

..........कुछ किस्से गंतव्य तक नहीं पहुँचते..!!"


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1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

दिगम्बर नासवा said...

सतत रयास जरूरी है अंत तक लाने के लिए ...