![](http://1.bp.blogspot.com/-7BM1cQIWUtA/U6_zLc9i4tI/AAAAAAAADbY/LZGN6ME31SQ/s320/beach_at_night_2-wallpaper-1024x768.jpg)
...
"बादलों की ओट में झिलमिलाते सितारे..
रात्रि का दूसरा प्रहर..
हाथों में हाथ..
दरिया किनारा..
तेरी छुअन का नशा..
रोम-रोम खिलता जिस्म..
मिट्टी का लेप..
बोसे का काफ़िला..
गिरफ़्त साँसों की..
सुकूं आहों का..
बहुत ज़ालिम हैं..आप..!!"
...
--वीकेंड वाली रूह..
0 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
Post a Comment