Wednesday, May 13, 2015
'प्योर शॉट्स..प्यारे थॉट्स..'
...
"ये तेरे मेरे बीच का..
साइलैंस..
क़हर दोनों पे ढाता है..
जानती हूँ..
सोते नहीं हो..
रातों को..
मेरे बिन..
ख़ुशबू..गिरफ़्त..
जाने कैसा ये नाता है..
सदियों को जीया..
जिस-जिस पल..
दर्द अपना..
हर शब सुनाता है..
पैच-अप की गुंजाइश रखना..
लिखा मेरे पास..
नोक-झोंक का खाता है..
पक्के रंग..मोहब्बत वाले..
रंगरेज़ चढ़ा गया जिस्म पे..
फबे जिसपे तेरी छुअन..
रूह का कपड़ा..ऐसा ही आता है..!!"
...
--रॉ..प्योर रॉ..प्योर शॉट्स..प्यारे थॉट्स..
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रूमानियत..
12 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति..
सादर आभार..दिलबाग विर्क जी..!!
हार्दिक धन्यवाद कैलाश शर्मा जी..!!
सुन्दर रचना
ahsaso k potali se lagi aapaki rachna
हार्दिक धन्यवाद शिव राज शर्मा जी..!!
हार्दिक धन्यवाद डॉ. अपर्णा त्रिपाठी जी..!!
बहुत खूबसूरत ख्याल है ...
कभी कभी साईलेंस और करीब ले आता है ...
बहुत शानदार आपको बहुत बधाई
सादर धन्यवाद दिगंबर नास्वा जी..!!
हार्दिक धन्यवाद मदन मोहन सक्सेना जी..!!
सादर आभार चंद्रभूषण मिश्र 'गाफ़िल' जी..!!
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