Sunday, June 14, 2015

'अलाव का कारोबार..'




‪#‎जां‬

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"तुम आजकल हमारे पर्सनल टाइम पर मिलते ही नहीं.. देखो ज़रा..सबसे छुप के सोने का ड्रामा करता हूँ..दिल की धड़कनों को निगाहों में दबाये रखता हूँ..

तुम जानते हो न..मेरे दिल का कनेक्शन आँखों से है..तुम जब-जब मिस करते हो न..मिलना हमारा..ये ज़ालिम आँखें जाने तकिये के कितने रेशों को कलरफुल और नमकीं बना देतीं हैं..!!

और तो और..आजकल उस वाईब्रेट ऑप्शन को हटा रिंगटोन वाला ऑप्शन कर दिया है..!!

पक्का..आज से तुम्हारा एक भी कॉल मिस नहीं करूँगा.. तुम आओ तो..LHS कबसे तड़प रहा है..हाँ..हाँ..तुम्हारा LHS..wink emoticon

अच्छा बाबा..नो मोर जोक्स..!!

सुनो न..पोर तुम्हें महसूस करना चाहते हैं..अलाव को भी अपना कारोबार चलाना है..

कुछ तो रहम करो..!!"

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