Monday, November 30, 2015
'प्यार वाले किस्से..'
...
"तुम उल्फ़त लिखतीं..
मैं दर्द..
तुम सुकूं लिखतीं..
मैं अश्क़..
तुम बेबाक़ी लिखतीं..
मैं वहशत..
तुम पोर लिखतीं..
मैं नासूर..
तुम ज़िन्दगी लिखतीं..
मैं #जां..!!"
...
--प्यार वाले किस्से.
Labels:
रूमानियत..
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (02-12-2015) को "कैसे उतरें पार?" (चर्चा अंक-2178) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
संक्षिप्त सुंदर रचना।
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