Wednesday, December 23, 2009

माँ..तुझको अर्पण..


...

"जब-जब थका हूँ..
आँचल में छाँव मिली..

जब-जब उठा हूँ..
वजूद को पहचां मिली..

जब-जब चला हूँ..
फिज़ा को अवाम मिली..

जब-जब चढ़ा हूँ..
शोलों को आगाज़ मिली..

माँ..
तुझको अर्पण..!"

...

7 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Himanshu Pandey said...

सुन्दर ! रचना का आभार ।

priyankaabhilaashi said...

बहुत-बहुत धन्यवाद..

वाणी गीत said...

माँ को प्रणाम करती सुन्दर कविता ....!!

priyankaabhilaashi said...

बहुत-बहुत धन्यवाद..

अजय कुमार said...

अच्छी रचना ,बधाई

priyankaabhilaashi said...

बहुत-बहुत धन्यवाद..

PRAFUL JAIN said...

lovely

love u mummy