skip to main
|
skip to sidebar
प्रियंकाभिलाषी..
दस्तक-ए-मेहमान..
Facebook Badge
Priyanka Jain
Create Your Badge
Thursday, March 18, 2010
'कलाई..'
...
"रवानी का जोश..
भिगो गया..
रूह को..
भीड़ में..
तन्हा छोड़ गया..
जुर्म था..
फ़क़त इतना..
बे-इन्तिहाँ..
बेख़ौफ़..
आफताब कसमसाया था..
गेसुओं की नरम कलाई से..!"
...
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
Udan Tashtari
said...
बढ़िया!
March 18, 2010 at 2:57 PM
M VERMA
said...
गेसुओं की नर्म कलाई'
वाह क्या उपमा है
बहुत सुन्दर
March 18, 2010 at 7:16 PM
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Home
About
FAQ
Contact
Labels
ज़िन्दगी..
(1)
'दी..'
(20)
'पर्दादारी..'
(2)
अंतर्मन की पुकार..
(25)
अस्तित्व
(1)
उपकार..
(12)
कहानी..
(26)
ग़ज़ल..
(19)
गुरुजन..
(11)
जगजीत साब..
(1)
ज़मीनी हकीक़त..
(21)
जां
(1)
ज़िंदगी
(4)
ज़िन्दगी
(4)
ज़िन्दगी..
(35)
जीवन
(2)
ज्वलनशील-कथन..
(6)
तुम
(1)
त्रिवेणी..
(35)
दास्तान-ए-दिल..
(66)
देश-प्रेम..
(4)
दोस्त
(1)
दोस्ती
(2)
दोस्ती..
(15)
प्रेम
(3)
प्रेरणादायी सन्देश..
(23)
फंतासी..
(2)
बस यूँ ही..
(50)
बारिश..
(7)
बेज़ुबां ज़ख्म..
(109)
बेटू..
(3)
बेबाक हरारत..
(40)
माँ..
(14)
मेहमां यादें..
(15)
मोहब्बत
(5)
रुबाई..
(3)
रूमानियत..
(136)
वक़्त
(1)
सियासत के रंग..
(3)
स्मृति..
(5)
स्वच्छंद पंछी..
(9)
हम-ज़लीस/परम-प्रिय मित्र..
(10)
हल्का-फुल्का..
(8)
हास्य..
(6)
निरन्तर नया पाइए/Get new everytime..
तारीख़-ए-कलम..
►
2024
(1)
►
January
(1)
►
2023
(6)
►
April
(4)
►
March
(2)
►
2022
(10)
►
August
(1)
►
July
(1)
►
June
(1)
►
April
(2)
►
March
(1)
►
February
(1)
►
January
(3)
►
2021
(8)
►
August
(5)
►
June
(2)
►
January
(1)
►
2020
(2)
►
November
(1)
►
October
(1)
►
2019
(2)
►
February
(2)
►
2018
(4)
►
October
(2)
►
February
(1)
►
January
(1)
►
2017
(9)
►
December
(3)
►
October
(2)
►
July
(1)
►
June
(1)
►
May
(1)
►
April
(1)
►
2016
(17)
►
October
(1)
►
September
(4)
►
May
(1)
►
April
(3)
►
March
(3)
►
February
(3)
►
January
(2)
►
2015
(67)
►
November
(12)
►
October
(5)
►
September
(1)
►
August
(7)
►
July
(7)
►
June
(9)
►
May
(3)
►
April
(9)
►
March
(2)
►
February
(5)
►
January
(7)
►
2014
(112)
►
December
(4)
►
November
(9)
►
October
(6)
►
September
(6)
►
August
(2)
►
July
(9)
►
June
(9)
►
May
(10)
►
April
(9)
►
March
(17)
►
February
(15)
►
January
(16)
►
2013
(131)
►
December
(13)
►
November
(10)
►
October
(8)
►
September
(3)
►
August
(9)
►
July
(11)
►
June
(17)
►
May
(9)
►
April
(11)
►
March
(3)
►
February
(15)
►
January
(22)
►
2012
(127)
►
December
(13)
►
November
(11)
►
October
(8)
►
September
(15)
►
August
(17)
►
July
(10)
►
June
(5)
►
May
(7)
►
April
(15)
►
March
(16)
►
February
(4)
►
January
(6)
►
2011
(209)
►
December
(14)
►
November
(10)
►
October
(26)
►
September
(19)
►
August
(14)
►
July
(32)
►
June
(13)
►
May
(17)
►
April
(16)
►
March
(15)
►
February
(14)
►
January
(19)
▼
2010
(241)
►
December
(18)
►
November
(21)
►
October
(18)
►
September
(21)
►
August
(14)
►
July
(11)
►
June
(20)
►
May
(23)
►
April
(24)
▼
March
(22)
''प्याला-ए-उल्फत..'
'फौलाद की फाहें..'
'जुस्तजू..'
'जुल्म-ओ-सितम..'
..."सिमटी है जुस्तजू इस कदर..साहिल की बाहें..मेरी ...
' आँचल..'
'हसरत..'
'जज़्बात..'
'कलाई..'
'सितारे..'
..."साहिल पर खेलती है..माज़ी की मंजिल..जुनूं चाहत ...
'लालिमा..'
'सफ़र..'
' पथिक..'
'निशां..'
'खामोशी..'
'वफ़ा..'
''मेरा पहला आईना..'
'लफ्ज़ बिखरे रहे..'
'याद..'
'मुकम्मल..'
'लुका-छिपी..'
►
February
(22)
►
January
(27)
►
2009
(20)
►
December
(20)
2 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
बढ़िया!
गेसुओं की नर्म कलाई'
वाह क्या उपमा है
बहुत सुन्दर
Post a Comment