Saturday, May 8, 2010

'माँ...'






...

"महफूज़ रहा उम्र भर..तेरे साये से..
शफ्कत बरसता रहा..तेरे पाये से..

रोशन हुआ..फलक मेरा..
दुआ तेरी..उरूज मेरा..

मसरूर हुआ..वजूद मेरा..
महफिल तेरी..चरचा मेरा..

माँ...

तुझको अर्पण..

कुछ कलियाँ ताजी-सी..
कुछ यादें रूमानी-सी..
कुछ पलकें भीगी-सी..!"

...

10 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Ra said...

बहुत अच्छी रचना लिखी गयी है .......माँ पर कुछ भी लिखे कम ही लगता है .....बहुत बढ़िया प्रस्तुति ./...........'माँ ' शब्द पर हमने भी कुछ लिखने की कोशिश की है ...आपके सुझाव सादर आमंत्रित है

http://athaah.blogspot.com/

vandana gupta said...

BAHUT SUNDAR BHAAV..........MATRI PREM KO SAMARPIT.

दिलीप said...

maa tujhe salaam...

संजय भास्‍कर said...

BEAUTIFUL........

Anonymous said...

sundar

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राजेंद्र मीणा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद वंदना जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिलीप जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद अपूर्ण जी..!!