Thursday, December 29, 2011
'मासूम सितारे..'
...
"फलक पर टिके हैं..
मासूम सितारे..
जो कहो.. हमनवां..
थोड़ी 'Snowfall' करा दें..!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/29/2011 01:50:00 AM
4
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
फंतासी..
Wednesday, December 28, 2011
'वादा..'
...
"ख्वाइश थी..
ना गुलज़ार हो..
आँगन कभी..
वादा निभा आया हूँ..
आज फिर..
खुद को बेच आया हूँ..!!!
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/28/2011 05:03:00 AM
8
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
बेज़ुबां ज़ख्म..
'जाड़े की धूप..'
...
"जाड़े की धूप में..
यूँ तेरा आना..
मेरे पास बैठ..
आरज़ू जगाना..
जिस्म से हो..
रूह में समा जाना..
जां मेरे..हर पल..
यूँ ही दिल से लगाना..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/28/2011 05:00:00 AM
1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
रूमानियत..
Thursday, December 22, 2011
'हकीकत-ए-शबाब..'
...
"चमकते जिस्म..
बहकते ख्वाब..
हकीकत-ए-शबाब..!!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/22/2011 07:23:00 AM
3
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
त्रिवेणी..
Wednesday, December 21, 2011
'दहलीज़-ए-फ़िरदौस..'
...
"क्यूँ परवाह किये जाते हो..
मेरी तन्हाई को बर्बाद किये जाते हो..
ना आया करो..हो पाबन्द..
रूह की परतें क्यूँ खोले जाते हो..
कर कुछ करम..ए-हमनवां..
ना आये ख्वाइश ज़ुबान पे..
दहलीज़-ए-फ़िरदौस मुमकिन कहाँ..
ख्वाब-ए-आशियाना सजाए जाते हो..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/21/2011 07:58:00 AM
2
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
रूमानियत..
Tuesday, December 20, 2011
'फ़रेबी नज़ारे..'
...
"फ़ासले दरमियां मिटते नहीं..
अक्स आईने से ढलते नहीं..
क्या कशिश है..निगाहों में..
क्या खलिश है..अदाओं में..
निशां जिस्मों पर संवरते नहीं..
क्या नशा है..
उफ़..फ़रेबी नज़ारे..
दामन से उतरते नहीं..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/20/2011 08:01:00 AM
2
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
बेज़ुबां ज़ख्म..
Sunday, December 11, 2011
'गुलाबी धूप..'
...
"जाड़े की गुलाबी धूप..
तुम्हारी यादें..
नम आँखें..
बारहां..
छुपा रखता हूँ..
हर मज़लिस..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/11/2011 08:48:00 AM
4
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
मेहमां यादें..
Thursday, December 8, 2011
'बही-खाते..'
...
"हर बात भूल जाया करो..
सुनो ना..
मेरे महबूब..
जाने दो ना..
ये बही-खाते..
अज़ीज़ हैं बहुत..मुझे..
दिल के ये ज़बरन कब्जे..!!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/08/2011 07:45:00 AM
20
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
दास्तान-ए-दिल..
Tuesday, December 6, 2011
'ज़र्रा-ज़र्रा..'
...
"ज़र्रा-ज़र्रा बिक रहा था ईमां..
रेज़ा-रेज़ा लूटा रहा था वफ़ा..
अजीब है..दास्तान-ए-गलियारे-ए-सियासत..!!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/06/2011 07:23:00 AM
9
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
सियासत के रंग..
Monday, December 5, 2011
'बज़्म..'
...
"बज़्म में उनकी लूटा आया..
कारवां-ए-अश्क़..
३३ % एक्स्ट्रा ऑफर याद आया था..
फ़क़त..!!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/05/2011 09:04:00 AM
8
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
हास्य..
Friday, December 2, 2011
'रूह मेरी..'
दी..आपके लिए..
...
"कुछ ना कहूँगी..
फिर भी..
समझ जायेंगे..
आप..
हैं ना..
हर आहट..
पहचान जाते हैं..
हर धड़कन..
सुन लेते हैं..
हर आँसू..
देख लेते हैं..
आप से ही रौशन..
रूह मेरी..
आपसे ही शादाब..
जिंदगानी मेरी..
यूँ ही रहिएगा..
मुझमें शामिल..!!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/02/2011 10:24:00 PM
12
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
'दी..'
'जुस्तजू..'
...
"आ..
मेरे शौक से जुस्तजू करले..
जो ना है मेरा..
भर दूंगा दामन में तेरे..
इक बार..
फ़क़त..
इक बार..
मुझे रूह में भर ले.!!!".
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/02/2011 04:17:00 AM
5
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
अंतर्मन की पुकार..
'सफ़ेद उदासी..'
...
"देखता हूँ..
मुड़कर पुरानी राहें..
नज़र आते हैं..
कुछ बिखरे लफ्ज़..
कुछ खुरदुरे एहसास..
और..
एक सफ़ेद उदासी..
सच..
आसां नहीं..
झूठे नक़ाबी घरोंदों का सफ़र..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/02/2011 01:04:00 AM
12
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
दास्तान-ए-दिल..
Thursday, December 1, 2011
'हसरतें..'
...
"जा रहीं हूँ..
निभा रिवायतें सारी..
शबों में ज़िंदा..
हसरतें रखना..!!"
...
Writer/शब्दों के कारोबारी..
priyankaabhilaashi
at
12/01/2011 07:41:00 AM
5
...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..
Labels:
दास्तान-ए-दिल..