Wednesday, December 28, 2011

'जाड़े की धूप..'




...


"जाड़े की धूप में..
यूँ तेरा आना..
मेरे पास बैठ..
आरज़ू जगाना..
जिस्म से हो..
रूह में समा जाना..
जां मेरे..हर पल..
यूँ ही दिल से लगाना..!!"

...

1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Nidhi said...

खुदा करे....जिस्म से रूह तक का सफर यूँ ही जारी रहे .