Thursday, August 9, 2012

'वक़्त..'




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"जैसे ही दीवार-घड़ी में आठ बजे तुम याद आये..!!! वक़्त भी ना कितना अजीब है..जब ढेर सारा वक़्त था, तब भी वक़्त नहीं था.. और जब आज वक़्त नहीं है तो बरबस चाहती हूँ काश सारा वक़्त समेट लूँ, थाम लूँ वक़्त की सुईयां और खींच लाऊं तुम्हें फिर से करीब अपने..!!!

पर तुम..अक्सर दुनियादारी में ही उलझे रहते हो..मेरा ख्याल भी तुम्हारे ख्याल में नहीं आता कि कोई तुम्हारे बिना कितना अधूरा अकेला होगा..!!!! बहुत वक़्त गुज़र गया..अब आ भी जाओ ना..कि रात के सारे पहर तुम बिन बेवक्त मुझे चिढ़ाते हैं..!!! बहुत तनहा हूँ, आओ ना..बेवक्त बाँध दो फिर से इस वक़्त की डोरी..!!"


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12 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

RITU BANSAL said...

ब्लॉग जगत के सभी मित्रों को कान्हा जी के जन्मदिवस की हार्दिक बधाइयां ..
हम सभी के जीवन में कृष्ण जी का आशीर्वाद सदा रहे...
जय श्री कृष्ण ..
kalamdaan

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद ऋतू जी..!!

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 12/08/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

alka mishra said...

कितना मुश्किल है कि कोई गया वक्त लौटा दे

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद यशवंत माथुर जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद अलका जी..!!

S.N SHUKLA said...

बहुत खूब , बधाई .

कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारें , अपनी प्रतिक्रिया दें , आभारी होऊंगा .

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरती से लिखे एहसास

मेरा मन पंछी सा said...

कोमल भावों की अभिव्क्ति...
सुन्दर .....
:-)

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद एस.एन.शुक्ला जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संगीता दीदी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद रीना मौर्या जी..!!