Sunday, May 19, 2013
'इक गमला..'
...
"तेरी याद का इक गमला रखा था जो मेज़ पर साथ बीते पलों के बीज वाला..फलने-फूलने लगा है..जब भी वहशत का तूफां आता है, नर्म साँसों की टहनी रूह की वादियों में कर देती है बौछार..!!! सिलवटों का असर उतर आया है गुलों की रंगत में..उँगलियों के पोर से सहलाती हूँ जब पत्तियाँ, कसती गिरफ़्त बढ़ा जाती है धड़कन..!!!
पर तुम नहीं होते हो..और यूँ ही मचलता है आफ़ताब की चांदनी से इसका जिस्म.. तरसती रूह हर शै वास्ते, मेरे जोगिया..!!!"
...
---सन्डे नाईट थॉट्स..
Labels:
कहानी..
12 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
maulik aur beshkimati hai aapka lekhan ise sambhaal kar rakhna...
abhivyakti aur manobhaav sufiyane aur roohaniyat liye...
बीते पलों का बीज .....वहशत का तूफां .........नर्म साँसों की टहनी........रूह की वादियाँ .....सिलवटों का असर .........गुलों की रंगत........कसती गिरफ़्त बढ़ा जाती है धड़कन.........आफ़ताब की चांदनी ...............तरसती रूह हर शै वास्ते........तेरी याद का इक गमला.......मेरे जोगिया ................किसके बारे में क्या लिखूं ? ..........ये शब्द एक एक कहानी का टाइटल लग रहा है....एक एक उपन्यास बन सकता है .......ये सिर्फ sanday नाईट थॉट्स नहीं है ........हर अल्फ़ाज़ एक एक कहानी छुपाये बैठा है ...Your thoughts , in fact , nothing but chisel and hammer that carve our thoughts ....
बीते पलों का बीज .....वहशत का तूफां .........नर्म साँसों की टहनी........रूह की वादियाँ .....सिलवटों का असर .........गुलों की रंगत........कसती गिरफ़्त बढ़ा जाती है धड़कन.........आफ़ताब की चांदनी ...............तरसती रूह हर शै वास्ते........तेरी याद का इक गमला.......मेरे जोगिया ................किसके बारे में क्या लिखूं ? ..........ये शब्द एक एक कहानी का टाइटल लग रहा है....एक एक उपन्यास बन सकता है .......ये सिर्फ sanday नाईट थॉट्स नहीं है ........हर अल्फ़ाज़ एक एक कहानी छुपाये बैठा है ...Your thoughts , in fact , nothing but chisel and hammer that carve our thoughts ....
बहुत बढ़िया प्रस्तुति !
बहुत कुछ का अनुसरण कर बहुत कुछ देखें और पढें
धन्यवाद जी जी शेख साब..!!
धन्यवाद मयंक साब..!!
धन्यवाद मयंक साब..!!
आभारी हूँ..
धन्यवाद लक्ष्मण बिश्नोई जी..!!
धन्यवाद ब्लॉग प्रसारण जी..!!
आभारी हूँ..
नयंक साब..
हार्दिक धन्यवाद..!!! ये तो बस यूँ ही बह चलते हैं, नॉवल्स का तो पता नहीं कुछ भी..
बहुत बढ़िया प्रस्तुति !
धन्यवाद दर्शन जी..!!
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