
...
"मन बहुत उदास है आज..
तुम जो नहीं हो पास..
फ़रक अब होता नहीं..
तंज़ कोई कसता नहीं..
चली जाऊँगी दिल से..
ना ढूँढना हर तिल में..
न आओगे जानती हूँ..
सताया है..मानती हूँ..
न आये पैग़ाम समझ लेना..
किस्सा हुआ तमाम जान लेना..!!!"
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--दर्द के स्याह प्याले..
1 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
धन्यवाद शेखर सुमन जी..!!
सादर आभार..!!
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