Friday, June 19, 2015

'गले..'





...

"हम कैसे करें भरोसा..
कभी गले मिलें तो जानें..

साँसों से पूछेंगे..
शराफ़त का मीटर..
कितना है चलता..

सिर्फ़ राईट-लैफ्ट..
या..
दम भी है घुटता..!!"

...

--थोड़ी-सी शैतानी.. ;)

4 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Tamasha-E-Zindagi said...

आपकी इस पोस्ट को शनिवार, २० जून, २०१५ की बुलेटिन - "प्यार, साथ और अपनापन" में स्थान दिया गया है। कृपया बुलेटिन पर पधार कर अपनी टिप्पणी प्रदान करें। सादर....आभार और धन्यवाद। जय हो - मंगलमय हो - हर हर महादेव।

kashmiri lal chawla said...

Beautiful Artical

priyankaabhilaashi said...

सादर आभार तुषार रस्तोगी जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद कश्मीरी लाल जी..!!