Waah..Umdaa..Ye jazbaat hi to chen lene nahi dete...
खूबसरत। तस्व्वुर की कब किसी से बनती हैपर जुस्तजू है, बार बार उफनती है
धन्यवाद नदीम जी..!!
धन्यवाद राजे जी..!!
बढ़िया रचना.........."
धन्यवाद अमृतघट जी..!!
बहुत सुंदर.. आंखों में शायद कोई अधूरी इच्छा पूरी होने की आस रह गयी है.
बेहतरीन!!
कम शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गहरी बाते कहना आपकी खाशियत हैसुन्दर रचना
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .....
धन्यवाद विजयप्रकाश जी..!!
धन्यवाद उड़न तश्तरी जी..!!
धन्यवाद वर्मा जी..!!
धन्यवाद देवेश प्रताप जी..!!
bahoot khoob... bahut hi simplicity se likhe hain aapne ye complicated jazbaat...
धन्यवाद श्री ओमेन्द्र जी..!!
बढ़िया रचना.........
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
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18 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
Waah..Umdaa..
Ye jazbaat hi to chen lene nahi dete...
खूबसरत।
तस्व्वुर की कब किसी से बनती है
पर जुस्तजू है, बार बार उफनती है
धन्यवाद नदीम जी..!!
धन्यवाद राजे जी..!!
बढ़िया रचना.........."
धन्यवाद अमृतघट जी..!!
बहुत सुंदर.. आंखों में शायद कोई अधूरी इच्छा पूरी होने की आस रह गयी है.
बेहतरीन!!
कम शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गहरी बाते कहना आपकी खाशियत है
सुन्दर रचना
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .....
धन्यवाद विजयप्रकाश जी..!!
धन्यवाद उड़न तश्तरी जी..!!
धन्यवाद वर्मा जी..!!
धन्यवाद देवेश प्रताप जी..!!
bahoot khoob... bahut hi simplicity se likhe hain aapne ye complicated jazbaat...
धन्यवाद श्री ओमेन्द्र जी..!!
बढ़िया रचना.........
धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!
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