Friday, December 2, 2011
'रूह मेरी..'
दी..आपके लिए..
...
"कुछ ना कहूँगी..
फिर भी..
समझ जायेंगे..
आप..
हैं ना..
हर आहट..
पहचान जाते हैं..
हर धड़कन..
सुन लेते हैं..
हर आँसू..
देख लेते हैं..
आप से ही रौशन..
रूह मेरी..
आपसे ही शादाब..
जिंदगानी मेरी..
यूँ ही रहिएगा..
मुझमें शामिल..!!!"
...
Labels:
'दी..'
12 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
yun hi reahiyega
mujhme shamil...
wah! adbhut....
Bahut hi sundar bhav...
www.poeticprakash.com
वाह, बहुत सुंदर
शुभकामनाएं
बेशक ........
सुन्दर ख्याल्।
बहत सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति...
adbhut shabdo ka prayog...damdar lekhni
धन्यवाद प्रकाश जैन जी..!!!
धन्यवाद महेंद्र श्रीवास्तव जी..!!
धन्यवाद वंदना जी..!!
धन्यवाद कैलाश शर्मा जी..!!
धन्यवाद एना जी..!!
pahle baar aapkaa blog dekhaa achhaa lagaa
badhaayee
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