Saturday, June 15, 2013
'तार' की स्मृति..
१५ जुलाई २१०३ को भारतवर्ष के एक पुत्र का कूच.. १८५० में जन्म और २०१३ में विदाई..
बहुत रंग बिखेरे थे तुमने, अब कौन सुनाएगा..
आप-बीती शब्दों की बेल कौन लगाएगा..
एक स्मृति..'तार' की स्मृति में जो शीघ्र ही स्मृति बन जायेगा..
"तार-तार हुआ जाता है..स्नेह का तार..
आये बचा ले कोई इसे..बन तारणहार..!!"
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स्मृति..
8 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:
आपने लिखा....हमने पढ़ा
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए कल 17/06/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
धन्यवाद!
धन्यवाद ब्लॉग बुलेटिन जी..!!
आभारी हूँ..
धन्यवाद यशवंत माथुर जी..
आभारी हूँ..
तार की यादें ही रह जाएगी अब ...
अपनी उम्र पूरी करने पर सभी को एक न एक दिन जाना ही पड़ता. संसार नश्वर है. फिर तार भी क्यों अछूता रहे.
स्मृति शेष .....तार की....
धन्यवाद अदिती पूनम जी..!!!
धन्यवाद रचना दीक्षित जी..!!!
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