Saturday, June 29, 2013
'तुम्हारी हर शै..'
...
"तुम्हारी हर शै..
रूह में..
यूँ बसी..
लैपटॉप..मोबाइल..किताबें..
कार..स्टीरियो..आई-पॉड..
बिस्तर..चादर..सिलवटें..
सहर..दोपहर..शब..
तन्हाई..वीरानी..वहशत..
फ़क़त..
इस जहां..
उस जहां..
इक तू ही तू..!!"
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Labels:
दास्तान-ए-दिल..
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