आज सुबह में ये गीत को याद किया था ...... ये भी तो इक फ़रियाद ही है .....लौटते तब न जब आते ......यहाँ तो न आया ......न बुलाया गया की बात है .............!!!
हम से आया न गया तुम से बुलाया न गया फ़ासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया .......
देखते देखते दिन ढल गया , और रात हुई वो सामान आज तलक दिल से भुलाया न गया
किस्मतें अपनी बनाई हैं बिगड़ने के लिए प्यार का बाग़ बसाया था उजड़ने के लिए इस तरह उजड़ा के फिर हम से बसाया न गया ..................
संग की चाहत को ही मिटा दी हो तो फिर फ़रियाद नामुमकीन सी लगने लगती है ......
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आज सुबह में ये गीत को याद किया था ...... ये भी तो इक फ़रियाद ही है .....लौटते तब न जब आते ......यहाँ तो न आया ......न बुलाया गया की बात है .............!!!
हम से आया न गया तुम से बुलाया न गया
फ़ासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया .......
देखते देखते दिन ढल गया , और रात हुई
वो सामान आज तलक दिल से भुलाया न गया
किस्मतें अपनी बनाई हैं बिगड़ने के लिए
प्यार का बाग़ बसाया था उजड़ने के लिए
इस तरह उजड़ा के फिर हम से बसाया न गया ..................
संग की चाहत को ही मिटा दी हो तो फिर फ़रियाद नामुमकीन सी लगने लगती है ......
धन्यवाद नयंक साब..!!
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